Monday, March 14, 2011

जो लहरों से आगे नज़र देख पाती

जो लहरों  से  आगे  नज़र  देख  पाती  तोह  तुम  जान  लेते  में  क्या  सोचता  हूँ ,
वो  आवाज़  तुमको  भी  जो  भेद  जाती  तोह  तुम  जान  लेते  में  क्या  सोचता  हूँ .
जिद  का  तुम्हारे  जो  पर्दा  सरकता  तोह  खिडकियों  से  आगे  भी  तुम  देख  पाते ,
आँखों  से  आदतों  की  जो  पलकें  हटाते  तोह  तुम  जान  लेते  में  क्या  सोचता  हूँ .

मेरी  तरह  खुद  पर  होता  ज़रा  भरोसा  तोह  कुछ  दूर  तुम  भी  साथ -साथ  आते ,
रंग  मेरी  आँखों  का  बाँटते  ज़रा  सा  तोह  कुछ  दूर  तुम  भी  साथ -साथ  आते ,
नशा  आसमान  का  जो  चूमता  तुम्हे  भी , हसरतें  तुम्हारी  नया  जन्म  पातीं ,
खुद  दुसरे  जनम  में  मेरी  उड़ान  छूने  कुछ  दूर  तुम  भी  साथ -साथ  आते

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