दुःख सुख जो रुलाते है और हंसते है, यही अंधकार की जड़ है ! दुःख में चीखना चिल्लाना प्रभु के विधान में असंतोष व्यक्त करना है ! भक्त्ति योग में स्थित भक्त्त तो प्रत्येक स्थिति में प्रभु इच्छा मान कर संतुष्ट रहता है ! प्रभु से मांगो मत ! तुम्हारे मांगने का अर्थ है कि प्रभु जानते नही! तुम्हरी परिस्थिति में प्रभु जो कर रहे है वे तुम्हारे कल्याण के लिए ही कर रहे है !
To consider the worldly happiness & suffering real is the cause of ignorance. People who complain in testing times are actually interfering in lord’s plan. A devotee should accept all the situations as a blessing of the lord. Do not ask anything from Lord. Asking from Lord indicates that Lord does not know about your situation. Keep on remembering him in faith that whatever He is doing is in your benefit !!
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