ज़िंदगी क्या है जानने के लिये
ज़िंदा रहना बहुत जरुरी है
आज तक कोई भी रहा तो नही
सारी वादी उदास बैठी है
मौसमे गुल ने खुदकशी कर ली
किसने बरुद बोया बागो मे
आओ हम सब पहन ले आइने
सारे देखेंगे अपना ही चेहरा
सारे हसीन लगेंगे यहाँ
है नही जो दिखाई देता है
आइने पर छपा हुआ चेहरा
तर्जुमा आइने का ठीक नही
हम को गलिब ने येह दुआ दी थी
तुम सलामत रहो हज़ार बरस
ये बरस तो फकत दिनो मे गया
लब तेरे मीर ने भी देखे है
पखुड़ी एक गुलाब की सी है
बात सुनते तो गलिब रो जाते
ऐसे बिखरे है रात दिन जैसे
मोतियो वाला हार टूट गया
तुमने मुझको पिरो के रखा था
vo bhii kyaa log the aasaan thii raahe.n jin kii
ReplyDeleteband aa.Nkhe.n kiye ik simt chale jaate the
aql-o-dil Khvaab-o-haqiiqat kii na uljhan na Khalish
muKhtalif jalve nigaaho.n ko na bahalaate the
[Khalish=pain/prick; muKhtalif=different types]
ishq saadaa bhii thaa beKhud bhii junuu.N_peshaa bhii
husn ko apanii adaao.n pe hijaab aataa thaa
phuul khilate the to phuulo.n me.n nashaa hotaa thaa
raat Dhalatii thii to shiisho.n pe shabaab aataa thaa
[hijaab=coyness]